6155 दिन बाद आरसीबी से सीएसके हारी है पहली बार 21 में 2008 को सीएसके आरसीबी से मैच हारी थी हम आपको 5 वजह बताता हूं कि सीएसके आरसीबी से क्यों हारी
पहली वजह है फास्ट बोलिंग
आरसीबी वह टीम है जो अपनी गेंदबाजी को लेकर बदनाम रही है कि भाई साहब झंडू गेंदबाजी है लेकिन इस मार्च में हेजल बॉर्डर मूवी और यश दयाल यह भाई साहब ग्लेनागृह ब्रेट ली और गैलेक्सी नजर आ रहे थे हां मतलब बिल्कुल वही वाली कहानी थी यार अलग लेवल की बोलिंग थी और इसी वजह से एक्चुअली द्रविड़ के बाद पाटीदार दूसरे कैप्टन बने जो जीते हैं
आप रिजल्ट को देखो पहले मैच कर एकड़ में गए चार ओवर 22 रन 2 विकेट दूसरे मैच में चार ओवर 21 विकेट करवा रहे हो और आप 21 रन देखकर तीन विकेट निकाल रहे हो यह बताता है कि भाई से कहानी भुवनेश्वर की थी तीन ओवर 20 रन एक विकेट पावर प्ले में हाईएस्ट विकेट टेकर है
भुवनेश्वर और फिर यश दयाल आए आखिर में आए तीन ओवर 18 रन 2 विकेट अगर आपके तीनों फास्ट बॉलर 6 की इकोनॉमी से गेंदबाजी कर रहे एक इकोनामी से गेंदबाजी कर रहे हैं तो फिर आप मैच नहीं जीत सकते कोई भी टीम नहीं जीत सकती और सीएसके का यही हुआ सीएसके वालों ने डॉट बॉल्स बहुत खेली सीएसके की फास्ट बॉलिंग और आरसीबी की फास्ट बोलिंग में बहुत अंतर था और वह अंतर मैच के बीच का डिफरेंस बना
दूसरा सीएसके की बैटिंग पोटेंशियल में दम नहीं है
5048 यह कोई नंबर नहीं है यह सीएसके के नंबर दो नंबर तीन नंबर चार नंबर पांच प्लेयर का स्कोर है राहुल त्रिपाठी पांच ऋतुराज गायकवाड 0 दीपक हुड्डा 4 सेम करन 8 यार अगर आपका मिडिल ऑर्डर राहुल त्रिपाठी हुड्डा सेम करन है
फिर तो आपके साथ यही होना था सीएसके ऐसा लग रहा की मॉडर्न दी क्रिकेट के हिसाब से पीछे हो गई बीते कुछ सालों में उनके पास कुछ मैच विनर हुआ करते थे या फिर जिन खिलाड़ियों पर वह दाओ लगते थे चाहे वह रायडू हो उथप्पा हो रहाणे हो सुरेश रैना वह सारे खिलाड़ी वन साइड खेलते थे
इस साल ऐसा लगा है कि केवल सिर्फ एक बॉलर नूर अहमद में ही इन्वेस्ट किया है वेटिंग में कुछ भी इन्वेस्ट नहीं किया है जिस नजर से नूर अहमद में इन्वेस्ट किया गया था वैसे अगर बैटिंग में करते तो कहानी कुछ और ही होती और यह हर की बहुत ही बड़ी वजह थी
लगा ही नहीं यह सब को पता था अगर आपने ऋतुराज और आर रविंद्र को आउट कर दिया तो आप मैच जीत जाओगे और वही हुआ एक लाइन दर से विकेट गिरते गए ऋतुराज का विकेट गिरने के बाद रवींद्र पर प्रेशर आ गया रविंद्र प्रेशर में खेलते रहे और आखिर में उनका भी विकेट गिर गया और मैच एक तरफ हो गया
तीसरा
जो आज किस्मत थी सीएसके से बहुत दूर थी रजत पाटीदार की किस्मत बहुत जबरदस्त थी या फिर कह दे सीएसके की फील्डिंग बेकार थी कोई दम नहीं था 32 गेंद में 51 रन ठोके हैं पाटीदार ने
लेकिन सीएसके के फील्डरों से 3 कैच ड्रॉप हुए हैं सीएसके के प्लेयर्स जो बैटिंग में ना कुछ कर पाए और वही फील्डिंग में भी ना कुछ खास कर पा रहे थे 17 रन पर हुड्डा ने कैश ड्रॉप किया 19 रन पर राहुल ने ड्रॉप किया 20 पर खलील अहमद ने ड्रॉप किया आप इतना कैच ड्रॉप करोगे एक बेस्ट प्लेयर का तो धुआ कर देगा वही हुआ धुआं धुआं कर डाला 16 पर 34 कर के सामने ठोके थे 32 पर 51 हमारे और मैच खत्म कर दिया
चौथा
जो भी मैच में कसर रही थी वह धोनी साहब ने पूरी कर दी 9 नंबर पर बैटिंग करने आए कुणाल पांड्या के बीच में ओवर में छक्का छक्का मार दिया तो फिर धोनी धोनी हो गया मजाक उड़ने लगा धोनी साहब बैटिंग करने तब आते हैं या फिर जब मैच कंपलीटली दिखने लगता है की मैच जीत रहे हैं या फिर मैच हार रहे हैं मैच के बीच में आते ही नहीं
पांचवा
सीएसके के जो स्पिनर थे वह इन डिफेक्टिव थे अश्विन और जड्डू इन्होंने 5 ओवर में 59 रन दिए और सिर्फ 1 विकेट मिला है और आरसीबी का जो पार्ट टाइमर स्पिनर था
लियम लिविंगस्टोन उन्होंने 4 ओवर में 28 रन देकर 2 विकेट लिए आरसीबी की प्रॉपर टीम नजर आ रही थी हाला की मैच खेलने के लिए आए हैं बिल शॉट को पता था कि छक्के मारने है पाटीदार को पता था कि छक्के मारने हैं
विराट रुक रुक कर खेल रहे थे और दूसरी तरफ से प्लेयर छक्के मार रहे थे और आखिर में टीम डेविड आए उन्होंने भी छक्के छुड़ाएं नतीजा आप लोगों के सामने मैच खत्म एक तरफ मैच हुआ और आखिर में आरसीबी ने सीएसके को 50 रनों से हराया
हमारी नजर में यही 5 वजह थी आपकी नजर में कौन-कौन सी वजह है कमेंट में बताएं