कुछ चीज़ें हैं जो सिर्फ़ और सिर्फ़ मुंबई इंडियंस के साथ ही हो सकती हैं। वाकई, ये टीम क्रिकेट की दुनिया का असली ‘थ्रिल’ है। वो टीम जो 10वें नंबर की CSK से हार जाती है, लेकिन फिर उसी सीज़न में टेबल टॉपर दिल्ली जैसी टीम को धूल चटा देती है। अब बताओ, किसमें है इतना दम? मुंबई इंडियंस ही वो टीम है जो खुद हारकर भी कह सकती है—“हमसे जीत गए? इसका मतलब ये नहीं कि तुम बहुत बड़े खिलाड़ी हो… हम तुम्हें कभी भी गिरा सकते हैं।”
मुंबई की सबसे बड़ी खूबी है उसका कभी न हार मानने वाला रवैया। और ये रवैया फिर एक बार देखने को मिला 2025 के आईपीएल सीज़न के उस ऐतिहासिक मैच में, जिसमें मुंबई ने दिल्ली के मुँह से जीत छीन ली।
1. 19वां ओवर – जिसने वक्त, जज़्बात और हालात सब बदल दिए
दिल्ली का स्कोर था 135 रन, सिर्फ 11 ओवर में। मैच एकतरफा लग रहा था। मुंबई के फैंस के चेहरे पर मायूसी थी। लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर सबकी आंखें खुली की खुली रह गईं। 19वें ओवर में दिल्ली को चाहिए थे 23 रन। कोई बड़ा टारगेट नहीं, खासकर टी20 में। क्रीज पर थे आशुतोष शर्मा और कुलदीप यादव।
पहली गेंद—आशुतोष ने सिंगल लेने से मना कर दिया, क्योंकि सामने थे मिशेल स्टार्क।
दूसरी गेंद—चौका।
तीसरी गेंद—फिर चौका।
अब बचे सिर्फ़ 9 गेंद और 15 रन।
चौथी गेंद—डबल लेने की कोशिश में रन आउट।
पांचवीं गेंद—कुलदीप भी रन आउट।
छठी गेंद—मोहित शर्मा आउट।
तीन बॉल, तीन रन आउट। ऐसा ट्विस्ट किसी हॉलीवुड थ्रिलर में भी नहीं होता! दिल्ली का स्कोर जो 180/6 था, एक ही ओवर में बन गया 193/10। मैच का पासा पलट गया और मुंबई ने फिनिशिंग मूव कर दिया।
2. रोहित शर्मा – मैदान पर भले फ्लॉप, पर कप्तानी में टॉप
इस मैच में रोहित शर्मा का बल्ला खामोश रहा। 18 रन बनाकर आउट हो गए। ये देखकर दुख होता है, क्योंकि रोहित जैसे क्लासिक बल्लेबाज़ से हमेशा उम्मीदें रहती हैं। लेकिन कप्तान रोहित ने जो किया, उसने सबका दिल जीत लिया।
डगआउट से आए उनके “स्पिन लाओ” के कॉल ने पूरा गेम बदल दिया। उन्होंने करन शर्मा को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में बुलाया, और बस, वहां से मैच की स्क्रिप्ट बदल गई। करन शर्मा ने आते ही तीसरी गेंद पर ऋषि पोरेल को आउट किया। फिर केएल राहुल और सैम करन जैसे दिग्गजों को चलता किया।
चार ओवर में 36 रन और 3 विकेट—वो भी इतने अहम मौके पर। ये सिर्फ प्लानिंग नहीं, इंट्यूशन थी। यही दिखाता है कि रोहित एक मैच्योर लीडर हैं। चाहे बल्ला बोले या न बोले, दिमाग तो उनका ज़रूर चलता है।
3. करुण नायर – 7 साल की मेहनत और 40 गेंदों में 89 रन
करुण नायर की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। दिसंबर 2022 में उन्होंने ट्वीट किया था—“Dear Cricket, give me one more chance” और 14 अप्रैल 2025 को क्रिकेट ने न सिर्फ़ मौका दिया बल्कि वो स्टेज दिया जिस पर उन्होंने खुद को फिर से साबित किया।
40 गेंदों में 89 रन, वो भी बुमराह जैसे गेंदबाजों के खिलाफ़। ऐसा लग रहा था जैसे वक्त थम गया हो, जैसे करुण नायर सालों की तपस्या को अब बल्लेबाज़ी के ज़रिए व्यक्त कर रहे हों। बुमराह को जिस तरह उन्होंने ऑफ साइड में घुमा-घुमा कर मारा, वो सिर्फ़ टेक्नीक नहीं, इमोशन था।
इतना गुस्सा तो बुमराह को शायद खुद पर भी नहीं आता जितना इस मैच में आया। नायर ने उन्हें फ्रस्टेट कर दिया। और ये बल्लेबाज़ी effortless थी, smooth थी। सात साल डोमेस्टिक खेलकर उन्होंने जो फॉर्म गढ़ा था, वो सब आज के दिन निकलकर आया।
लोगों ने कहा—करुण नायर की सफलता व्यक्तिगत लग रही थी। ये सिर्फ़ रन नहीं थे, ये एक वापसी का ऐलान था। और वो ऐलान पूरे कोटला स्टेडियम ने खड़े होकर सुना।
4. रमनदीर और तिलक वर्मा – बेस चढ़ा तो इमारत मजबूत
अब बात करते हैं उन दो यंगस्टर्स की जिन्होंने मुंबई की बल्लेबाज़ी को मजबूती दी—रमनदीर और तिलक वर्मा। जब बाकी सब फ्लॉप हो रहे थे, तब इन्होंने मोर्चा संभाला।
रमनदीर सिंह ने सिर्फ 17 गेंदों में 35 रन ठोके। वहीं तिलक वर्मा ने 33 गेंदों में 59 रन बनाए। इन दोनों की साझेदारी की वजह से मुंबई सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाई।
ये पारी भले ही सुर्खियों में न हो, लेकिन असली फैंस जानते हैं कि नींव मजबूत हो, तभी बिल्डिंग ऊंची होती है। ये दोनों खिलाड़ी उसी नींव का काम कर रहे थे।
5. हार्दिक पंड्या – सवालों के घेरे में, लेकिन कप्तानी पर सवाल नहीं
हार्दिक पंड्या ने इस मैच में बल्ले से कुछ खास नहीं किया। लेकिन कप्तानी में उन्होंने एक बात साफ कर दी—वो मैच की नब्ज़ समझते हैं। टीम को सही समय पर रोटेट करना, बॉलिंग चेंज, फील्ड प्लेसमेंट—सब कुछ टॉप क्लास था।
हां, उनके इमोशन्स इस बार काफ़ी कंट्रोल में थे। शायद लोगों के ताने अब असर करने लगे हैं। लेकिन ये भी दिखा कि हार्दिक जब शांत रहते हैं, तो मुंबई इंडियंस कहीं ज़्यादा खतरनाक लगती है।
नतीजा क्या रहा?
दिल्ली को लगा था कि ये मैच उनकी झोली में है, लेकिन मुंबई ने बता दिया कि “It’s not over until it’s over!” फैंस अब भी उस मैच के हैंगओवर में हैं। क्योंकि ये मैच सिर्फ़ एक जीत नहीं थी, ये एक स्टेटमेंट था।
मुंबई ने साफ कर दिया—हम वही टीम हैं जिसने 2015 में सीज़न की शुरुआत में पांच में से छह मैच हारे थे और फिर भी खिताब जीत लिया था। हमें कम मत समझो, हम किसी भी दिन कुछ भी कर सकते हैं।
तो आपके हिसाब से इस मैच का सबसे बड़ा मोमेंट कौन सा था?
- 19वां ओवर और तीन रन आउट?
- करुण नायर का धमाकेदार कमबैक?
- रोहित की कप्तानी वाला स्पिन वाला कॉल?
- रमनदीर-तिलक की नींव?
- या हार्दिक की शांत रणनीति?
कमेंट में बताना ज़रूर! क्योंकि मुंबई का हर मैच सिर्फ़ एक खेल नहीं, एक कहानी होता है
