BCCI Central Contract 2025: शटर डाउन से स्टारडम तक – श्रेयस और ईशान की वापसी

भारतीय क्रिकेट में कभी-कभी कुछ फैसले आते हैं जो सिर्फ आंकड़ों या प्रदर्शन के आधार पर नहीं होते — वो फैसले दिल तोड़ते हैं, करियर मोड़ते हैं, और फिर एक कहानी लिखते हैं। और 2025 में जारी हुआ BCCI का नया सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी कुछ ऐसी ही कहानियों से भरा हुआ है।

जहाँ कुछ खिलाड़ियों के चेहरे पर मुस्कान थी, वहीं कुछ के माथे पर शिकन। किसी को सुकून मिला तो किसी को सवाल। लेकिन इस लिस्ट की सबसे इमोशनल और हाईलाइटेड वापसी रही – श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की।


पिछले साल की सर्द रात और कॉन्ट्रैक्ट से बहार की ठंडी हवा

एक साल पहले, जब BCCI ने श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था, तो यह सिर्फ एक खबर नहीं थी — ये दो स्टार खिलाड़ियों के लिए wake-up call था।

श्रेयस अय्यर, जिन्होंने टेस्ट में सेंचुरी मारी थी, वर्ल्ड कप के बीच नंबर 4 की कमी को पूरा किया था, अचानक से हर फॉर्मेट से बाहर।
ईशान किशन, जिनकी दोहरे शतक की कहानी ताज़ा थी, अचानक रन-आउट से पहले ऑफिशियल कट-आउट बन गए।

BCCI ने साफ कहा – जो खिलाड़ी डोमेस्टिक नहीं खेल रहे, वो सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के हकदार नहीं हैं। और यहीं से शुरू हुई एक ‘रिवाइवल स्टोरी’ जो आज भारतीय क्रिकेट की सबसे प्रेरणादायक गाथाओं में गिनी जाएगी।


श्रेयस अय्यर – रन मशीन टू रिबिल्ड

श्रेयस ने इसे अपमान नहीं, चैलेंज माना।
वो वापस रणजी गए, जहां उन्होंने पांच मैचों में 480 रन ठोक दिए।
सैयद मुश्ताक अली में फिनिशिंग टच दिखाया।
विजय हज़ारे में रनों की झड़ी लगा दी।
ईरानी ट्रॉफी में कप्तानी की, ट्रॉफी जीती।
IPL में पंजाब किंग्स के लिए कप्तानी कर रहे हैं और टीम टॉप 4 में है।
चैंपियंस ट्रॉफी में मैन ऑफ द सीरीज रहे।

आज अय्यर ग्रेड बी में हैं, लेकिन फैंस का मानना है कि वो ग्रेड A डिज़र्व करते हैं।
उनकी कहानी बता रही है – “आपको गिराया जा सकता है, लेकिन गिरकर उठना ही असली जीत है।”


ईशान किशन – सवाल अब भी हैं, लेकिन उम्मीदें जाग गई हैं

ईशान किशन की वापसी थोड़ी चौंकाने वाली रही।
पिछले कुछ समय से T20 और वनडे दोनों में फ्लॉप रहे।
IPL में भी मुंबई इंडियंस के लिए प्रदर्शन लगातार गिरता गया।
लेकिन शायद BCCI ने उन्हें एक और मौका दिया है, शायद ये सोचकर कि विकेटकीपर-बैटर के तौर पर उनका X-Factor टीम में ज़रूरी है।

फिलहाल ईशान को ग्रेड C में जगह दी गई है, जो बताता है कि चयनकर्ता उन्हें एक ट्रायल मोड में देख रहे हैं।


अब नज़र डालते हैं बाकी 34 खिलाड़ियों की पूरी कहानी पर:

Grade A+ (7 करोड़ रुपये)

  • रोहित शर्मा, विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह
    👉 तीनों T20 से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन ODI और टेस्ट में टीम की रीढ़ हैं।
    👉 बुमराह इकलौते ऑल-फॉर्मेट खिलाड़ी हैं।

Grade A (5 करोड़ रुपये)

  • केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, ऋषभ पंत, मोहम्मद शमी
    👉 ऋषभ पंत की वापसी के साथ ग्रेड A में प्रमोशन – फुल मार्क्स!
    👉 हार्दिक ग्रेड A में हैं, लेकिन कुछ सवाल उठ रहे हैं – क्या सिर्फ IPL की कप्तानी के दम पर?

Grade B (3 करोड़ रुपये)

  • श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, अक्षर पटेल, यशस्वी जायसवाल
    👉 अक्षर तीनों फॉर्मेट में नियमित हैं, शायद Grade A डिज़र्व करते थे।
    👉 सूर्यकुमार टीम इंडिया के T20 कप्तान हैं, फिर भी Grade B में? थोड़ा अजीब।

Grade C (1 करोड़ रुपये)

नामों की भरमार है –
रिंकू सिंह, तिलक वर्मा, ऋतुराज गायकवाड़, शिवम दुबे, रवि बिश्नोई, वॉशिंगटन सुंदर, मुकेश कुमार, संजू सैमसन, आवेश खान (ड्रॉप),
वरुण चक्रवर्ती, अभिषेक शर्मा, सरफराज खान, ध्रुव जुड़ेल, प्रसिद्ध कृष्णा, राजत पाटीदार, नितीश रेड्डी, ईशान किशन, हर्षित राणा, आकाश दीप

👉 सरफराज, जुड़ेल और पाटीदार जैसे डोमेस्टिक वॉरियर्स को मौक़ा मिला।
👉 बिहार से तीन खिलाड़ियों का आना भी ऐतिहासिक है।


कौन रह गया पीछे?

  • शार्दुल ठाकुर – हर फॉर्मेट में योगदान देने के बाद बाहर होना थोड़ा दुख देता है।
  • जितेश शर्मा, केएस भरत – बैकअप विकेटकीपर की रेस से बाहर।
  • उमरान मलिक, आवेश खान, रजनीश दयाल, विश्वक – ये वो नाम हैं जिनसे उम्मीद थी लेकिन निराशा हाथ लगी।

अंतिम शब्द: ये कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ पैसे का नहीं, पहचान का है

BCCI का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट हर साल खिलाड़ियों को उनकी मेहनत का ‘सरकारी सर्टिफिकेट’ देता है।
लेकिन इसके पीछे का सच ये भी है – यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, राजनीति, मानसिकता, चयनकर्ता का दृष्टिकोण और खिलाड़ी की मानसिक मज़बूती का कॉम्बिनेशन है।

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की वापसी बताती है कि जो गिरता है, वो लौट भी सकता है – बस शर्त ये है कि वो दोबारा चलने का हौसला रखता हो।

अब बारी है इन खिलाड़ियों की – इस कॉन्ट्रैक्ट को ‘सम्मान’ से ‘स्थायी जगह’ में बदलने की।


अगर आपसे कोई ऐसा खिलाड़ी छूट गया जो डिज़र्व करता था, या आपको लगता है कोई ऊपर या नीचे होना चाहिए था, तो कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं। क्रिकेट की कहानी सिर्फ मैदान की नहीं, दिल की भी होती है।

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